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World History Class Hindi

विगत कक्षा से संबंधित प्रश्नोत्तर एवं उद्देश्यों की चर्चा (11:02:58 AM)

ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति के सर्वप्रथम होने के अनेक कारण थे

आर्थिक कारण (11:05:45 AM)

  • ब्रिटेन में बाड़ाबन्दी आन्दोलन (17 वीं शताब्दी के मध्य से) के कारण कृषि के क्षेत्र में भी क्रांति आई थी;
  • इसके अंतर्गत जमीन के छोटे- छोटे टुकड़ों को एक साथ इकट्ठा किया गया जिससे भूमि में तकनीकी निवेश तथा उत्पादन की वैज्ञानिक विधियों का प्रयोग कर अधिशेष उत्पादन बढ़ाया गया;
  • व्यवसायिक क्रांति (16 वीं तथा 17 वीं शताब्दी में व्यवसाय में हुई वृद्धि) तथा अटलांटिक गुलाम व्यापार के कारण बड़ी मात्रा में पूँजी का संचय हुआ था जिसका निवेश उद्योगों में किया जा सकता था;
  • समुद्री खोजों के कारण नए व्यापारिक समुद्री मार्गों के ज्ञान के साथ-साथ औपनिवेशीकरण की प्रक्रिया भी तीव्र हुई थी जिसके कारण ब्रिटेन ने अपने उपनिवेशों को कच्चे माल के उत्पादक के रूप में परिवर्तित कर दिया था तथा उन्हें मशीन द्वारा उत्पादित वस्तुओं के बाजार के रुप में परिवर्तित किया;
  • ब्रिटेन में आंतरिक करों का नहीं लगाया जाना;
  • स्वीकृत मुद्रा का प्रचलन;
  • Bank of England (1694) के द्वारा सस्ते दरों पर लोन की उपलब्धता;

राजनीतिक कारण (11:14:24 AM)

  • अनेक युद्धों में शामिल होने के बावजूद भी ब्रिटेन में तुलनात्मक शांति तथा सुरक्षा ने औद्योगिक क्रांति को बढ़ावा दिया;
  • संसदीय राजतंत्र की स्थापना (गौरवपूर्ण तथा रक्तहीन क्रांति 1688) तथा संसद का कानून निर्माण में योगदान होने के कारण उद्योगों के पक्ष में कानून पारित किए गए;

सामाजिक व वैचारिक कारण (11:18:47 AM)

  • ब्रिटिश समाज में एक उद्यमी वर्ग के साथ साथ सस्ते श्रमिकों की उपलब्धता भी थी 
  • वैचारिक क्रांति के प्रभाव के कारण ब्रिटिश समाज में व्यक्तिवाद, तर्कवाद तथा आधुनिकता आदि की भावनाएं विकसित हो रही थी। 

तकनीकी कारण (11:21:49 AM)

  • अनेक आविष्कारों ने औद्योगिक क्रांति के विकासित होने में योगदान दिया -
  • जॉन की का फ्लाइंग शटल (कम समय में ज्यादा बुनाई);
  • हार ग्रीवस का स्पिनिंग जेनी (बुनाई को आसान बनाया);
  • क्रॉम्पटन का स्पिनिंग म्यूल (कताई को आसान बनाया);
  • व्हिटनी का कॉटन जिन (कपास से बीज को अलग करने वाली मशीन);
  • जेम्स वाट् का भाप इंजन -इसके कारण मशीनों को ऊर्जा, कोयले तथा लकड़ी से भी मिल सकती थी तथा उन्हें जल शक्ति पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं थी;
  • इन मशीनों के आविष्कार के बाद भी इन्हें अचानक प्रसिद्धि नहीं मिली तथा इन्हें धीरे-धीरे अपनाया गया;
    • सर्वप्रथम औद्योगिक क्रांति सूती वस्त्र उद्योग क्षेत्र में हुई;
    • रेलवे का आगमन 
    • परिवहन की सुगमता हेतु सड़क तथा रेलमार्गों का निर्माण प्रारम्भ हुआ;
    • जॉर्ज स्टीफेन्स (रेलवे के जनक) द्वारा 1825 में सर्वप्रथम लोकोमोटिव इंजन बनाया;
    • 1830 से 1850 के मध्य ब्रिटेन में लगभग 6000 मील लम्बी रेलवे लाइनों का विकास हो चुका था;
    • धीरे-धीरे परिवहन की सुगमता हेतु उपनिवेशों में भी सड़क व रेलमार्गों का विकास किया गया
  • जिसके बहुआयामी आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक व सांस्कृतिक प्रभाव थे (11:59:56 AM)
  • रेलवे के आगमन से उपनिवेशों के आंतरिक क्षेत्रों से कच्चे माल को सुगमता पूर्वक बंदरगाहों तक पहुंचाया जा सकता था;
  • मशीन द्वारा निर्मित सस्ते उत्पादों को आसानी से उपनिवेशों के आंतरिक भागों में पहुंचाया जा सकता था;
  • नकदी फसलों के उत्पादन के कारण भूमि की उर्वरता घटी तथा खाद्यान्न उत्पादन में कमी आयी 
  • नकदी फसलों के उत्पादन के कारण किसानों का जीवन तथा आय व्यापारियों तथा बाजार के ऊपर निर्भर हुआ,
  • व्यापक गरीबी तथा भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हुई 
  • मशीन आधारित उत्पादों की सस्ती कीमतों पर उपलब्धता के कारण हस्तकला तथा कुटीर उद्योगों का विनाश हुआ तथा कुशल शिल्पकार, खेतिहर मजदूर या कारखानों में सस्ते मजदूर की तरह कार्यरत हुए;
  • व्यापक बेरोजगारी के कारण उपनिवेशों से बागानों में भेजे जाने वाले अनुबंधित मजदूरों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई;
  • रेलवे के आगमन से औपनिवेशिक शक्तियों को उनकी शक्ति बढ़ाने तथा विद्रोहों को दबाने में तथा उनका राजनीतिक नियंत्रण बढ़ा;
  • उपनिवेशों में उपस्थित शिक्षित-सम्भ्रांत वर्ग का एक-दूसरे के साथ राजनीतिक तथा सांस्कृतिक सम्पर्क बढ़ा;
  • उपनिवेशों में रचित लोकगीतों में भी रेलवे के प्रति दृष्टिकोण पता चलता है। 

औद्योगिक क्रांति के प्रभाव की चर्चा (12:13:55 PM)

औद्योगिक क्रांति के प्रभाव (12:40:05 PM)

  • औद्योगिक क्रांति के प्रभावों को एक सतत प्रक्रिया के रुप में समझा जा सकता है, क्योंकि इसके शीघ्र प्रभाव के साथ-साथ अनेक दूरगामी प्रभाव भी रहे;
  • औद्योगिक क्रांति ने ब्रिटेन की आर्थिक सामाजिक संरचना को प्रभावित के साथ-साथ उसके विभिन्न यूरोपीय देशों के मध्य के संबंध तथा उपनिवेशों के साथ के संबंध को भी प्रभावित किया;
  • औद्योगिक क्रांति के सकारात्मक तथा नकारात्मक, दोनों प्रभाव रहे- (उपनिवेशों पर प्रभाव- रेलवे के आगमन के संदर्भ में आगे लिखा गया है) 
  • औद्योगिक क्रांति से दो सामाजिक वर्गों का उदय हुआ
    • पूँजीपति वर्ग;
    • सर्वहारा वर्ग;
  • सर्वहारा वर्ग में अकुशल मजदूर (पुरुष, स्त्रियाँ तथा बच्चे) सम्मिलित थे जो कि अत्यंत न्यूनतम श्रम दरों पर अनेक घण्टों (15-18 घण्टों) तक काम किया करते थे;
  • इन मजदूरों को दैनिक आधार पर कार्य दिया जाता था अतः किसी भी प्रकार की सामाजिक सुरक्षा तथा स्वास्थ्य सम्बंधी सुविधा प्रदान नहीं कराई गई थी;
  • कार्यस्थल पर दुर्घटना/मृत्यु की स्थिति में हर्जाने का प्रबंध भी नहीं हुआ करता था;
  • बाल मजदूरी तथा बाल शोषण बढ़ा 
  • अचानक बड़े स्तर पर पलायन के कारण सुनियोजित तरीके से शहरों का विकास संभव नहीं हुआ तथा मजदूरों को उनकी रिहायसी बस्तियों में जीवन की मूलभूत जरुरतें भी मुहैया नहीं कराई गईं 
  • लम्बे समय तक कम वेतन, अनिश्चितता भरा जीवन, अत्यधिक गंदगी तथा जल निकासी संबंधी समस्याओं से पैदा होती लगातार बीमारियाँ तथा नीरस कार्य करते रहने के कारण अनेक मनोवैज्ञानिक बीमारियों में भी वृद्धि हुई;
  • पलायन के कारण विभिन्न स्थानों से आए मजदूरों के सामाजिक जीवन में भी अनेक तरह के परिवर्तन हुए, जैसे कि एकल परिवार संरचना का आना, प्रेम विवाहों की संख्या में बढ़ोत्तरी आदि।
  • इन बस्तियों में अपराधों की संख्या भी बढ़ी

अन्य प्रभावों की चर्चा (12:55:46 PM)

  • औद्योगिक क्रांति के कारण पर्यावरण पर अनेक नकारात्मक प्रभाव पड़े जैसे कि बड़े स्तरों पर जंगलों की कटाई, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण का बढ़ना;
  • नोट- ब्रिटेन में स्वास्थ्य तथा पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान हेतु अनेक अधिनियमों को पारित किया गया जो कि क्रमशः 1848,1863 तथा 1875 में पारित हुए कानून थे;

सकारात्मक प्रभाव (1:15:14 PM)

  • ब्रिटेन का GDP बढ़ा;
  • रोजगार के अवसर बढ़े तथा उनमें तुलनात्मक रुप से एक बेहतर जीवन प्राप्ति की उम्मीद बढ़ी;
  • औद्योगिक क्रांति के कारण वैज्ञानिक तथा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिला;
  • महिलाओं को कार्य क्षेत्र में प्रवेश मिला;
  • वैज्ञानिक तथा तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा मिला 
  • धीरे-धीरे मजदूर वर्ग में स्थापित हुई एकता ने उनकी राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित की। 

नोट - (1:18:11 PM)

  • 1800-1810 के दशक में हुए मजदूर विद्रोहों में मजदूरों द्वारा मशीनों पर आक्रमण किया जाता था 
  • 1820 के दशक में व्यापारिक संघवाद मजबूत हुआ परंतु इसे कानूनी मान्यता 1871 में मिली;
  • चार्टिस्ट आंदोलन (1838-48) की एक प्रमुख माँग पुरुषों को मतदान का अधिकार प्रदान करने की थी जो कि अंततः 1867 में पूरी हुई;

अन्य देशों पर प्रभाव की चर्चा (1:23:29 PM)

TOPIC FOR THE NEXT CLASS: अमेरिकी क्रांति