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Economics Class 04

विगत कक्षाओं के रिवीजन के साथ कक्षा प्रारंभ: (11:15:25 AM)

मुद्रास्फीति: (11:36:48 AM)

  • मुद्रास्फीति से आशय कीमतों में हुई उस बढ़ोतरी से है जिसे गणितीय विधि से मापा जा सकता हो। सामान्यतः समग्र मांग एवं समग्र आपूर्ति में एक साम्य होता है परंतु मांग जनित दवाब या कीमत जनित दवाब के परिणामस्वरूप कीमतों में एकाएक वृद्धि होती है जिससे मुद्रास्फीति जन्म लेती है। 
  • स्वभावतः ये मुद्रास्फीति दो प्रकार की हो सकती है:
    • मांग जनित मुद्रास्फीति
    • कीमत जनित मुद्रास्फीति

मांग जनित मुद्रास्फीति

  • यह मांग जनित मुद्रास्फीति निम्नलिखित कारणों से हो सकती है:
  • किसी भी कारण से यदि निजी उपभोग व्यय में बढ़ोत्तरी होती हो जैसे-जनसंख्या का बढ़ना,आय में बढ़ोत्तरी, कर में छूट, सहज ऋण की उपलब्धता इत्यादि। 
  • किसी भी कारण से सार्वजनिक उपभोग हेतु व्यय में वृद्धि होती हो जैसे-सब्सिडी पर व्यय, सामाजिक सुरक्षा पर अतिरिक्त व्यय, सरकार द्वारा अवसंरचना पर अतिरिक्त व्यय। 
  • किसी भी कारण से फिक्स्ड पूंजी जैसे-मशीनियरी, अवसंरचना विकास, सॉफ्टवेयर, पशुधन इत्यादि पर अतिरिक्त व्यय। 
  • किसी भी कारण से निर्यात में बढ़ोत्तरी हो रही हो। 
  • किसी भी कारण से आयात कम हो रहा हो। (यदि आयातित वस्तु कच्चा माल है तो यह कीमत जनित मुद्रास्फीति को जन्म देगा)। 

कीमत जनित मुद्रास्फीति

  • इस प्रकार की मुद्रास्फीति में विभिन्न कारणों से कीमतों में वृद्धि (उत्पादन के साधनों के संदर्भ में) के परिणामस्वरूप मुद्रा स्फीति जन्म लेती है। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:
  • किसी भी कारण से यदि किराये में वृद्धि हुई हो या अवसंरचनात्मक स्रोत महंगे हो गए हो जैसे प्राकृतिक आपदाएं, अवसंरचनात्मक विकास में कमी, जलवायु परिवर्तन इत्यादि। 
  • किसी भी कारण से यदि श्रम की कीमत बढ़ जाए जैसे-मंहगाई आधारित भत्ते की मांग, सामाजिक सुरक्षा हेतु किया गया अतिरिक्त व्यय, विभिन्न मजदूर संगठनों द्वारा अतिरिक्त दवाब इत्यादि। 
  • किसी भी कारण से यदि पूंजी प्रवाह मंहगा हो रहा हो जैसे उच्च ब्याज दरें, पूंजी की अनुपलब्धता, वित्तीय समावेश का अभाव इत्यादि। 
  • किसी भी कारण से यदि रॉयल्टी महंगी हो जैसे-नवाचार में कमी, तकनीकी के लिए अन्य देशों पर निर्भरता इत्यादि। 

मुद्रास्फीति से जुड़े कुछ प्रमुख सिद्धांत: (1:32:05 PM)

फिलिप वक्र

  • इस सिद्धांत के अनुसार मुद्रास्फीति बढ़ाने पर बेरोजगारी दर में कमी आती है क्योंकि आपूर्ति का सिद्धांत यह कहता है कि कीमते बढ़ने पर उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है। जिसके परिणामस्वरूप रोजगार उत्पन्न होता है। यही कारण है कि समष्टि अर्थशास्त्र में मुद्रास्फीति को बढ़ाते हुए रोजगार सृजन के प्रयास किए जाते रहे हैं। 

मुद्रा की मात्रात्मकता का सिद्धांत 

  • फिशर के इस सिद्धांत के अनुसार यदि मुद्रा आपूर्ति को दोगुना किया जाए तो मुद्रास्फीति भी दो गुनी हो जाएगी। 
  • मौद्रिक नीति द्वारा इस सिद्धांत का प्रयोग मुद्रास्फीति नियोजन हेतु किया जाता है। 

आपूर्ति स्वयं में मांग को सृजित करती है 

  • से (Say) के अनुसार आपूर्ति स्वयं में मांग प्रोत्साहित करती है। भारतीय परिवेश में उपभोग के बदलते स्वरूप के अंतर्गत यह देखा जा रहा है कि वैश्विक उत्पादों की मांग में बढ़ोत्तरी हुई है। जिसका एक प्रमुख कारण विभिन्न बाजारों में इन उत्पादों का उपलब्ध होना है। 

TOPICS FOR NEXT CLASS: मुद्रा स्फीति के प्रकार।